लोगों की राय

लेखक:

उषाकिरण खान

हिन्दी एवं मैथिली साहित्य लेखन प्रकाशन।

रचनाएँ : हसीना मंजिल, कासवन।

पुरस्कार एवं सम्मान : बिहार राष्ट्रभाषा परिषद् का हिन्दी सेवी पुरस्कार, 1998 (बिहार); बिहार राजभाषा विभाग का महादेवी वर्मा पुरस्कार, 2000 (बिहार); दिनकर राष्ट्रीय पुरस्कार, 2001 (बिहार); साहित्य अकादमी पुरस्कार-भामती-मैथिली (उपन्यास), 2010 (भारत सरकार दिल्ली), कुसुमांजलि पुरस्कार- सिरजनहार (उपन्यास), 2012 (कुसुमांजलि फाउंडेशन दिल्ली); पं. विद्यानिवास मिश्र पुरस्कार-सिरजनहार (उपन्यास), 2014- विद्याश्रीनिवास, वाराणसी (उत्तर प्रदेश); ब्रजकिशोर प्रसाद पुरस्कार, 2015।

सम्मान भ्रमण : विश्व हिन्दी सम्मेलन सूरीनाम – 2004 – भारत सरकार की प्रतिनिधि; विश्व हिन्दी सम्मेलन-न्यूयॉर्क-2007-बिहार सरकार की प्रतिनिधि; विश्व भोजपुरी सम्मेलन-(सेतुन्यास)- मॉरीशस-2000-बिहार की प्रतिनधि।

उपलब्धि : दूरदर्शन की इंडियन क्लासिक श्रृंखला में-हसीना मंजिल का निर्माण एवं प्रसारण; बिहार की सांस्कृतिक गतिविधियों में संलग्न; बिहार साहित्योत्सव-(लिटरेचर फेस्टिवल-2013 व 2014-संचालन समिति की सदस्या, विभाग द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि); भारतीय कविता समारोह-2013 व 2014-बिहार सरकार द्वारा आयोजन समिति की सदस्या; अनेक सांस्कृतिक गतिविधियों की सलाहकार।

सम्प्रति : प्रतिनिधि-नाट्य संस्था-निर्माण कला मंच एवं सफरमैना की अध्यक्ष; महिला चर्खा समिति (जे. पी. आवास)-पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबन्ध समिति की सदस्या; बिहार बाल भवन किलकारी की-स्थापनाकालीन प्रबन्ध समिति की सदस्या; पूर्वी क्षेत्रा सांस्कृतिक केन्द्र-भारत सरकार की बिहार की सदस्या; भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद् (आई. सी. सी. आर)-की बिहार की सदस्या।

सम्पर्क : 1, आदर्श कॉलोनी, श्रीकृष्णा नगर, पटना-1

मोबाइल : 09334391006

आशा

उषाकिरण खान

मूल्य: $ 13.95

  आगे...

जनम अवधि

उषाकिरण खान

मूल्य: $ 10.95

समाज का आईना दिखाती कहानियों का एक पठनीय कहानी-संग्रह   आगे...

फागुन के बाद

उषाकिरण खान

मूल्य: $ 9.95

बिहार के ग्रामीण परिवेश पर लिखा गया नितांत अनूठा उपन्यास...   आगे...

भामती

उषाकिरण खान

मूल्य: $ 16.95

  आगे...

सिय पिय कथा

उषाकिरण खान

मूल्य: $ 12.95

  आगे...

सिरजनहार

उषा किरण ख़ान

मूल्य: $ 27.95

विद्यापति के जीवन और साहित्य को 'सिरजनहार' उपन्यास में समस्त विलक्षणताओं के साथ प्रस्तुत किया है.   आगे...

 

   6 पुस्तकें हैं|